श्रीमद् भागवत कथा एवं ज्ञान महायज्ञ – दूसरे दिवस की कथा में बोले परम पूज्य स्वामी श्री राजेंद्र दास देवाचार्य जी महाराज
"कलियुग में जन्म लेकर भी सतयुग में जिया जा सकता है"
ऊना।
श्रीमद् भागवत कथा एवं ज्ञान महायज्ञ के दूसरे दिवस पर आज गोंदपुर जयचंद में कथा व्यास परम पूज्य स्वामी श्री राजेंद्र दास देवाचार्य जी महाराज ने कहा कि "मनुष्य यदि जीवन में पांच दोषों का त्याग कर दे तो कलियुग में जन्म लेकर भी सतयुग जैसी पवित्रता से जीवन जी सकता है।" उन्होंने पांच दोषों को विस्तार से बताते हुए कहा कि जुआ खेलना, मदिरा का सेवन करना, तामसिक भोजन करना, व्यविचार करना और पाप की कमाई ।स्वामी जी ने कहा कि इन दोषों का त्याग कर मनुष्य का जीवन शांत, सुखमय एवं भक्तिमय बन जाता है। और वह मोक्ष की ओर अग्रसर होता है।
उन्होंने मनुष्य जीवन में सत्संग का महत्व बताते हुए कहा कि हमें व्याकुल हृदय भाव से भगवान का भजन करना चाहिए। उन्होंने भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं के बारे में विस्तार से बताया। उनके दिव्य वचनों से पूरा पंडाल भक्ति एवं श्रद्धा से ओतप्रोत हो गया।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, उनकी सुपुत्री डॉ. आस्था अग्निहोत्री, एवं अनेक विशिष्ट अतिथियों सहित भारी संख्या में श्रद्धालुजन उपस्थित रहे।
कथा के पश्चात सभी श्रद्धालुओं ने भंडारे एवं महाप्रसाद का पावन लाभ प्राप्त किया।
इस पुण्य अवसर पर पूर्व विधायक सतपाल रायजादा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता रणजीत राणा, अशोक ठाकुर, प्रमोद कुमार, क्षेत्र की विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधि एवं अनेक गणमान्य अतिथि भी उपस्थित रहे।