जल विद्युत परियोजनाओं में पूर्व चेतावनी यंत्र स्थापित करना जरूरी: डीसी
कांगड़ा जिला में आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत आदेश किए जारी
धर्मशाला, मई। जिला दंडाधिकारी एवं उपायुक्त हेमराज बैरवा ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कांगड़ा जिला में सभी जल विद्युत परियोजनाओं के प्रबंधकों को दस जून से पहले पूर्व चेतावनी यंत्र स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। इस बाबत संबंधित उपमंडलाधिकारियों को फील्ड निरीक्षण करने और रिपोर्ट जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को प्रेषित करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि पूर्व चेतावनी यंत्र का अलार्म कम से कम पांच किमी तक के एरिया को कवर करना चाहिए। इस संबंध में मासिक रिपोर्ट भी जल विद्युत परियोजनाओं के प्रबंधकों को प्रेषित करना जरूरी होगी। उन्होंने कहा कि आदेशों की अवहेलना करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि पूर्व चेतावनी प्रणाली जल विद्युत परियोजनाओं के आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित रखने में मदद करती है। यह किसी भी संभावित नुकसान को कम करने में भी मदद करती है. जल विद्युत परियोजनाएं नदियों पर स्थित होती हैं, और इन परियोजनाओं के आसपास के क्षेत्र में बाढ़, बादल फटने, या बांध टूटने की संभावना होती है. ऐसे में, पूर्व चेतावनी प्रणाली इन संभावित खतरों से लोगों को बचाने में मदद करती है. पूर्व चेतावनी प्रणाली जल विद्युत परियोजनाओं के आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित रखने में मदद करती है। जल विद्युत परियोजनाओं के लिए पूर्व चेतावनी प्रणाली के अलावा, मजबूत आपदा प्रबंधन योजनाएं तैयार करना और बाढ़ पूर्वानुमान सिस्टम बनाना भी महत्वपूर्ण है.