Wednesday, May 14, 2025

Himachal

अहिल्याबाई होलकर: महिला सशक्तिकरण की सार्वभौमिक प्रतीक पर विशेष व्याख्यान का आयोजन

May 14, 2025 04:17 PM

*अहिल्याबाई होलकर: महिला सशक्तिकरण की सार्वभौमिक प्रतीक पर विशेष व्याख्यान का आयोजन*

*आईआईएएस, शिमला में प्रो. चंद्रकला पाडिया द्वारा प्रेरक वक्तव्य — राजमाता अहिल्याबाई की 300वीं जयंती वर्ष पर राष्ट्रव्यापी विमर्श को मिली नई दिशा*

शिमला,  मई। भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान (आईआईएएस), शिमला में आज “अहिल्याबाई होलकर: महिला सशक्तिकरण की सार्वभौमिक प्रतीक” विषय पर एक प्रेरक विशेष व्याख्यान का आयोजन हुआ। यह आयोजन पुण्यश्लोक राजमाता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती वर्ष के अवसर पर लोकमाता अहिल्याबाई त्रिशताब्दी समारोह समिति के तत्वावधान में हुआ, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में समिति की अध्यक्ष और पूर्व आईआईएएस अध्यक्ष प्रोफेसर चंद्रकला पाडिया ने ऐतिहासिक विश्लेषण प्रस्तुत किया।

प्रो. पाडिया ने अपने व्याख्यान में कहा कि अहिल्याबाई होलकर भारतीय संस्कृति, राजनीति और समाज की त्रैमासिक चेतना की मूर्त अभिव्यक्ति हैं। उन्होंने एक नारी होकर उस युग में सत्ता संभाली जब नारी को सार्वजनिक जीवन में स्थान तक नहीं था। उन्होंने बताया कि राजमाता की शासन व्यवस्था मात्र प्रशासनिक दक्षता का नमूना नहीं थी, बल्कि वह धार्मिक सहिष्णुता, सामाजिक समरसता और लोककल्याण का आदर्श रूप थी। उनका कार्यकाल स्त्री नेतृत्व की नैतिक शक्ति का प्रतीक बन गया।

प्रो. पाडिया ने रेखांकित किया कि अहिल्याबाई न केवल मध्य भारत में मालवा की समृद्धि की आधारशिला बनीं, बल्कि संपूर्ण भारतवर्ष में मंदिरों, धर्मशालाओं, कुओं, घाटों और शिक्षण संस्थानों के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाई। उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कर धार्मिक स्वाभिमान की पुनर्स्थापना की और रामेश्वरम से सोमनाथ तक धार्मिक स्थलों का संरक्षण कर भारत की सांस्कृतिक एकता को सुदृढ़ किया।

उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई एक ऐसी समन्वयकारी शासिका थीं जिन्होंने शासन और धर्म को जनसेवा में रूपांतरित कर दिया। वे व्यक्तिगत जन-सुनवाई करती थीं और आम जनता के दुःख-सुख में सहभागी बनती थीं। वे केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि लोकमाता थीं — जिनके शासन में अपराध न्यूनतम था और न्याय सर्वसुलभ था।

वक्ता ने यह भी जोड़ा कि आज जब विश्व भर में महिला सशक्तिकरण पर विमर्श हो रहा है, तब अहिल्याबाई का उदाहरण वैश्विक संदर्भ में अत्यंत प्रासंगिक है। वह “पितृसत्तात्मक ढांचे के भीतर रहते हुए उसकी सीमाओं को तोड़ने वाली नायिका” थीं, जिन्होंने यह सिद्ध किया कि शक्ति, करुणा और नीति— इन तीनों का संतुलन नारी नेतृत्व में किस प्रकार साकार हो सकता है।

प्रारंभिक संबोधन प्रो. शैलेन्द्र राज मेहता (उपाध्यक्ष, आईआईएएस) द्वारा किया गया, जिन्होंने इस विमर्श की आवश्यकता को रेखांकित किया। प्रो. शशिप्रभा कुमार (अध्यक्ष, शासी निकाय, आईआईएएस) ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि अहिल्याबाई होलकर का जीवन चरित्र “कर्तव्यपरायणता, धार्मिक सहिष्णुता और सांस्कृतिक पुनर्निर्माण” की त्रिवेणी है।

कार्यक्रम का संचालन जन संपर्क अधिकारी अखिलेश पाठक ने किया। उन्होंने अपने स्वागत भाषण में अहिल्याबाई को "एक विचार नहीं, बल्कि विचारधारा" कहा और काव्य पंक्तियों के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गान के साथ हुआ। इस आयोजन में आईआईएएस के फेलो, शिक्षाविद्, शोधार्थी, कर्मचारीगण तथा देशभर से ऑनलाइन जुड़ रहे प्रतिभागियों ने सहभागिता की।

Have something to say? Post your comment

More Himachal

सुक्खू सरकार ने जनता को धोखा दिया: राजेंद्र राणा

सुक्खू सरकार ने जनता को धोखा दिया: राजेंद्र राणा

Ahilyabai Holkar Remembered as a Timeless Icon of Empowerment at IIAS Shimla

Ahilyabai Holkar Remembered as a Timeless Icon of Empowerment at IIAS Shimla

बुद्ध पूर्णिमा के शुभ अवसर पर कैंसर अस्पताल आईजीएमसी में मरीजों व तीमारदारों को खीर बांटी गई

बुद्ध पूर्णिमा के शुभ अवसर पर कैंसर अस्पताल आईजीएमसी में मरीजों व तीमारदारों को खीर बांटी गई

शिक्षा मंत्री ने चौपाल विस क्षेत्र में किए 1 करोड़ के लोकार्पण एवं शिलान्यास

शिक्षा मंत्री ने चौपाल विस क्षेत्र में किए 1 करोड़ के लोकार्पण एवं शिलान्यास

एचपीटीडीसी ने पहली बार रिकॉर्ड 100 करोड़ रुपये से अधिक का टर्नओवर हासिल कियाः मुख्यमंत्री

एचपीटीडीसी ने पहली बार रिकॉर्ड 100 करोड़ रुपये से अधिक का टर्नओवर हासिल कियाः मुख्यमंत्री

शिक्षक महासंघ ने की मुख्यमंत्री से भेंट

शिक्षक महासंघ ने की मुख्यमंत्री से भेंट

कांग्रेस की सरकारों ने आज तक जाति जनगणना का विरोध किया : बिंदल

कांग्रेस की सरकारों ने आज तक जाति जनगणना का विरोध किया : बिंदल

सूचना अधिकारी संजीव कुमार जसवाल के सम्मान में सेवानिवृत्ति समारोह आयोजित

सूचना अधिकारी संजीव कुमार जसवाल के सम्मान में सेवानिवृत्ति समारोह आयोजित

कृषि को सशक्त बनाने के लिए कार्य योजना पेश

कृषि को सशक्त बनाने के लिए कार्य योजना पेश

मोदी है तो मुमकिन है, मोदी की गारंटी पर देश करे भरोसा : जयराम ठाकुर

मोदी है तो मुमकिन है, मोदी की गारंटी पर देश करे भरोसा : जयराम ठाकुर